मंगलवार, 23 सितंबर 2008

ज़िन्दगी का पन्ना: संघर्ष का जीवन और एक सपना

  • अमित सागर
बात उस समय की है जब मैं ठीक से जिंदगी को समझा भी नही था. और मेरे ऊपर दुखो का पहाड़ टूट पड़ा था। तब मेरी उमर सिर्फ़ बारह वर्ष थी मैं छठी कक्षा का छात्र था कि अचानक मेरे पिता जी का स्वर्गवास हो गया और मेरा सारा बचपन गम के अंधेरे में खो गया। मेरे माता-पिता दोनों ही अपनी आँखों से लाचार थे। उस पर हम पाँच भाई-बहन।

मेरे घर के हालत ठीक नही थे। हमारा गुजर – बसर भी ठीक से नही हो पाता था। ऊपर से हमारी माता जी की दिमागी परेशानी, जिसके कारण उनका सबसे लड़ना झगड़ना बातों को न मानना इन सब को लेकर मैं बहुत ही दुखी था और मेरी मजबूरी यह थी कि मैं घर का सबसे बड़ा बेटा था। कम उमर में ही सारी जिम्मेदारी मुझ पर आ गई। बस क्या था मैं समेटने लगा धीरे-धीरे अपने परिवार को एक बंधन में बांधने के लिए। अपनी पढ़ाई को छोड़ कर मुझे काम करना पड़ा, उस दिन जिंदगी का महत्व मुझे समझ में आने लगा और इतनी बात समझ में आई की जिस दिन मेरे पिता जी का देहांत हुआ था, उनके साथ मेरे सारे सपने सारे अरमान और सारी ख्वाहिशों ने भी दम तोडा था।

मगर मैंने भी अपने दिल को पत्थर बना लिया और हर गम को खुशी में बदलने का प्रयास करता रहा। मगर शायद तकदीर को भी यह मंजूर नही था, एक परिवार को समेटते – समेटते मैं ख़ुद बिखर सा गया टूटने लगा क्योंकि मेरा छोटा भाई वाहर के आवारा लड़को के साथ घर के लोगो को दुखी करने लगा और अपनी जिम्मेदारी से भी पीछे हट गया। शायद उसे इन सब बातो का ज्ञान बाद में हो कि उसने कितनी बड़ी गलती की है, अलग होकर मगर ऐसा बिलकूल भी नही था जिसकी मत ही मारी गई हो उसे भला बातों का क्या असर होगा, बस उस दिन से मैं अकेला ही इस जिन्दगी से जूझ रहा हूँ। बस एक खवाब है मेरी बहनों के हाथ पीले हो जाए तो मैं गंगा नहा लूँ और बस उस दिन प्रभु भेज दे बुलावा और सो जाऊं मैं चैन की नींद। तो उस दिन मैं समझूंगा मेरा जीवन सफल हो गया है।

1 टिप्पणियाँ:

Unknown 23 सितंबर 2008 को 11:40 am बजे  

SAGAAR JI KO COMPUTER K PARDO PAR H PADA AUR JANA H.....YA NARESH BHAI K ANDAZ SE SUNA H.....
JAB BH HAUZ KHAS K PURANI GAALIYOO M JANA HOGA TOH SAGAR SAHEB SE MILNA HOGA.........
DINKAR NAAM SE SAGAR KA PARYASH PASAND AAYA....PAR MAAF KARNA SAGAR AAPKE AUR AMIT K SAATH JUEDE NAHI PAYA.....ZINDAGI K SAATH BAAHE JAA RAHA HU... THODA TANAV M HU ISE SAMAY.....UMEED KARTA HU....AAGLI BAR....COMPUTER PAR EK BAR PHIR MILENGE.....
PARI KI KAVITA PASAND AAYE....TUMARA KARZDAR HUA.....BAS KARZ UTTAR RAHA HU...ALVIDA...JAI HIND
DINKAR KI KAVITA KURUKSHETRA PAR AUR PADENA CHATA THA....THODA MAYOOSE HUA EAS BARE

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