आतंकवाद और सच्ची देश भक्ति
आतंकवाद
(एक)
आतंकवाद
चल रहा है लंबे समय से
इस पर विवाद .
किसी भाषा में अनुवाद .
इससे नहीं होता
किसी का घर आबाद.
बल्कि हो जाती है
अनेक जिंदगियां बर्बाद .
अब तो बन गया है यह
एक चलता - फिरता उत्पाद .
भारत छोड़ो
विश्व पर भी कर रहा
ये वज्रपात .
इसलिए आगे आओ
मेरे वीर जवानों
नए भविष्य के अरमानों
और देखो
आसपास कितने पल रहे है
सांप.
जो मासूम बच्चों और
महिलाओं के लिए बन गए है
अभिशाप ।
नमन उस राष्ट्रध्वज को
जो हमारी राष्ट्रीय भावना
की पहचान है .
भारतवासियों की शान है .
देशभक्ति जगाने के लिए
चलाया जा रहा
जन -गण- मन जागरूकता
अभियान है .
क्या यही- 2
देश के प्रति हमारा सम्मान है .
नहीं,
कदापि नहीं .
देशभक्ति प्रचार -प्रसार
की वस्तु नहीं ,
यह तो हमारी आंतरिक
भावनाओं की अभिव्यक्ति है ,
जो प्रत्येक भारतीय को करना चाहिए .
यही सच्ची देशभक्ति है ।
(प्रस्तुति: तृष्णा शाह "तंसरी")
(तृष्णा शाह "तंसरी"के नाम से लिखने वाले श्री रामकृष्ण डोंगरे ,जीवन और समय की नब्ज़ की बखूबी अपनी रचनाओं में पिरोते हैं । ब्लॉग्गिंग जगत में इनकी गिनती अच्छे चिट्ठाकारों में होती है .सम्प्रति रामकृष्ण डोंगरे अमर उजाला में उपसंपादक के पद पर कार्यरत हैं )
ब्लॉग: http://dongretrishna.blogspot.com
3 टिप्पणियाँ:
Bahut sahi likha hai !
Deepak Gogia
बहुत अच्छा डोगरे जी वाकई आज सभी को आज़ादी क्या होती है बताने का वक्त आ गया है और आप जैसे लेखकार को आगे हो कर देश और देश के कर्तादार्ता को बताना चाहिए की आज़ादी क्या होती है
"उल्टा तीर" पर आप सभी के अमूल्य विचारों से हमें और भी बल मिला. हम दिल से आभारी हैं. आशा है अपनी सहभागिता कायम रखेंगे...व् हमें और बेहतर करने के लिए अपने अमूल्य सुझाव, कमेंट्स लिखते रहेंगे.
साथ ही आप "हिन्दी दिवस पर आगामी पत्रका "दिनकर" में सादर आमंत्रित हैं, अपने लेख आलेख, कवितायें, कहानियाँ, दिनकर जी से जुड़ी स्मृतियाँ आदि हमें कृपया मेल द्वारा १० सितम्बर -०८ तक भेजें । उल्टा तीर पत्रिका के विशेषांक "दिनकर" में आप सभी सादर आमंत्रित हैं।
साथ ही उल्टा तीर पर भाग लीजिये बहस में क्योंकि बहस अभी जारी है। धन्यवाद.
अमित के. सागर
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