आतंकवाद की समस्या और हम
[जसवंती पवार]
आज भारत देश को कोई नेता सुभाष,सरदार वल्लभ भाई,महाराणा ,या फ़िर किसी अवतार राम और कृष्ण की जरूरत है हमने बहुत कुछ पाया भी लकिन सम्मान के साथ नही केवल भीख के रूप मै और आज भी ताकतवर देश की तरफ़ ही देख रहे की हमारे ऊपर हुए आतंकवादी हमले के लिए वो इनके ख़िलाफ़ कार्यवाही करे आप ही सोचिये क्या कोई भी ऐशा करेगा कोई पराई आग मै अपने हाथ क्यो जलाए जब आतंकवाद के रहनुम्मा इतने ताकतवर है की अरबो की जनसँख्या वाला देश कुछ नही कर सकता तो वो क्या करे।
भाई अभी भी वक्त है जागो और देश का नेता ऐशा चुनो जो आप के मान -सम्मान के लिए अपनी जान भी न्योछावर कर दे।
इसे एक उदाहरण से समझो यदि आप और आपकी बीवी या फ़िर बेटी को कोई गुंडा उठा ले जाने का प्रयाश करे तो आप उस वक़्त किसी राहगीर की तलाश करोगे की भाई कल ये हादशा आपके साथ भी हो सकता
नही आप ऐशा कभी नही करेंगे और यदि आप का जवाब है तो फ़िर सब ठीक है।
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युवा साहित्यकार के रूप में ख्याति प्राप्त डॉं वीरेन्द्र सिंह यादव ने दलित विमर्"ा के क्षेत्र में 'दलित विकासवाद ' की अवधारणा को स्थापित कर उनके सामाजिक,आर्थिक विकास का मार्ग प्र"ास्त किया है। आपके दो सौ पचास से अधिक लेखों का प्रका"ान रा'ट्रªीय एवं अंतर्रा'ट्रीय स्तर की स्तरीय पत्रिकाओं में हो चुका है। दलित विमर्"ा, स्त्री विमर्"ा, रा'ट्रभा'ाा हिन्दी में अनेक पुस्तकों की रचना कर चुके डॉं वीरेन्द्र ने वि"व की ज्वलंत समस्या पर्यावरण को "ाोधपरक ढंग से प्रस्तुत किया है। रा'ट्रभा'ाा महासंघ मुम्बई, राजमहल चौक कवर्धा द्वारा स्व० श्री हरि ठाकुर स्मृति पुरस्कार, बाबा साहब डॉं० भीमराव अम्बेडकर फेलो"िाप सम्मान २००६, साहित्य वारिधि मानदोपाधि एवं निराला सम्मान २००८ सहित अनेक सम्मानो से उन्हें अलंकृत किया जा चुका है। वर्तमान में आप भारतीय उच्च "िाक्षा अध्ययन संस्थान रा'ट्रपति निवास, "िामला (हि०प्र०) में नई आार्थिक नीति एवं दलितों के समक्ष चुनौतियॉं (२००८-११) विषय पर तीन वर्'ा के लिए एसोसियेट हैं।
1 टिप्पणियाँ:
you are true speaker about that vision why anybody take your responsibility on has shoulders why not we are take a decision for against any like that country
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