tag:blogger.com,1999:blog-3347840113721667090.post272120794939591195..comments2023-07-09T20:25:45.260-07:00Comments on उल्टा तीर पत्रिका [आतंकवाद और हम]: दिल को दहला दियाउल्टा तीर [अमित के सागर - अकेसा]http://www.blogger.com/profile/02851512989313528812noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-3347840113721667090.post-57617168446353153872008-09-03T06:05:00.000-07:002008-09-03T06:05:00.000-07:00"उल्टा तीर" पर आप सभी के अमूल्य विचारों से हमें और..."उल्टा तीर" पर आप सभी के अमूल्य विचारों से हमें और भी बल मिला. हम दिल से आभारी हैं. आशा है अपनी सहभागिता कायम रखेंगे...व् हमें और बेहतर करने के लिए अपने अमूल्य सुझाव, कमेंट्स लिखते रहेंगे.<BR/><BR/>साथ ही आप "हिन्दी दिवस पर आगामी पत्रका "दिनकर" में सादर आमंत्रित हैं, अपने लेख आलेख, कवितायें, कहानियाँ, दिनकर जी से जुड़ी स्मृतियाँ आदि हमें कृपया मेल द्वारा १० सितम्बर -०८ तक भेजें । उल्टा तीर पत्रिका के विशेषांक "दिनकर" में आप सभी सादर आमंत्रित हैं।<BR/><BR/>साथ ही उल्टा तीर पर भाग लीजिये बहस में क्योंकि बहस अभी जारी है। धन्यवाद.<BR/><BR/>अमित के. सागरAmit K Sagarhttps://www.blogger.com/profile/15327916625569849443noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3347840113721667090.post-52804960545290923212008-08-16T22:28:00.000-07:002008-08-16T22:28:00.000-07:00उपरोक्त बहुत सुंदर लिखा है अमित ! मेरी शुभकामनायें...उपरोक्त बहुत सुंदर लिखा है अमित ! मेरी शुभकामनायें ! <BR/>आशा है आपकी कवितायें पढने को मिलती रहेंगी ! हर कविता हर रचयिता अपनी भावना के हिसाब से लिखता है, कविता के गुणदोष परिस्थिति और कवि के मूड के अनुसार ही होते हैं , महान एवं प्रतिष्ठित कवियों की हर कविता को कोई भी कवि अपनी भावना के अनुसार सुधार कर सकता है, :-) मगर यह मेरे हिसाब से बेहद अनुचित है ! ब्लाग जगत में तमाम तरह का लेखन हो रहा है फिर हमें हर मशहूर ब्लॉग पर जाकर अपने सुधार देने चाहिए !<BR/>कृपया लिखते रहें ! <BR/>सतीशSatish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3347840113721667090.post-13520206637007009832008-08-13T09:44:00.000-07:002008-08-13T09:44:00.000-07:00भाई साहब केवल दंगो मे मुस्लिम लोग ही नही मरते बल्क...भाई साहब केवल दंगो मे मुस्लिम लोग ही नही मरते बल्कि हिंदू भी मरते है और जख्म से खून ही बहता है इसलिए दुःख अन्तिम सच से पहले का पड़ाव हैbarbiteachhttps://www.blogger.com/profile/09902705138043863295noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3347840113721667090.post-39776660957572345122008-08-08T02:19:00.000-07:002008-08-08T02:19:00.000-07:00अमित जी मैंने पिछले दिनों में आपको कई जगह पढ़ा है ...अमित जी मैंने पिछले दिनों में आपको कई जगह पढ़ा है , आप समर्थ रचनाकार है , परन्तु इस ग़ज़ल में काफी मात्रा दोष हैं बंधू , बात सारी अच्छी है पर लगता है आप इस बार शिल्प पे कम ध्यान दे पाये हैं पहली झलक से सूझे कुछ सुझाव रख रहा हूँ , और उम्मीद करता हूँ की आप इसे अन्यथा नहीं लेंगे <BR/>जैसे आपका पहला शेर है <BR/>दिल को दहला दिया जब धमाके हुए<BR/>राजनीतिज्ञ के लिए बम पटाखे हुए<BR/>अब इसी बात को इस तरह से पढ़ के देखें <BR/>"दिल दहल सा गया जब धमाके हुए <BR/>बम सियासत के खातिर पटाखे हुए <BR/><BR/>भाई ये ग़ज़ल बहुत अच्छी हो सकती है , पर अभी गुंजाइश है इसमे <BR/>नाराज नहीं होना मित्र , ये बेहतरी के लिए है विशवास करें , और हाँ अच्छा लगेगा यदि आप इस कमेन्ट पे अपनी , सशक्त प्रतिक्रया देंगे , मेरे ब्लॉग या ईमेल पे <BR/>डॉ . उदय 'मणि ' <BR/>http://mainsamayhun.blogspot.com<BR/>umkaushik@gmail.comडा ’मणिhttps://www.blogger.com/profile/12027202350989367311noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3347840113721667090.post-62942080445650743762008-08-07T09:47:00.000-07:002008-08-07T09:47:00.000-07:00Bahut khoob. Ghar ko lauti hui chappalon ki suno p...Bahut khoob. <BR/>Ghar ko lauti hui chappalon ki suno panw jinke baisakhi ke sahare hue.Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3347840113721667090.post-4550323431315416172008-08-07T07:17:00.000-07:002008-08-07T07:17:00.000-07:00अमित जी आपने बहुत खूब लिखा है लकिन मे सोच रहा हूँ ...अमित जी आपने बहुत खूब लिखा है लकिन मे सोच रहा हूँ की आप अभी तक जिन्दा है क्यों नही फ़ुट पड़ती अपने देश मे भी कोई क्रांति की ज्वालामुखी ?karmowalahttps://www.blogger.com/profile/13293541237818023254noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3347840113721667090.post-34940372783082137782008-08-07T07:13:00.000-07:002008-08-07T07:13:00.000-07:00इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.karmowalahttps://www.blogger.com/profile/13293541237818023254noreply@blogger.com