बुधवार, 28 जनवरी 2009

नौजवान शक्ति


[दीपक पंवार]

(१)
आतंकवादी भारत में आज ये पहली बार नहीं
आम इंसान शहीद-ए-महान अब हमारे साथ नहीं
आलस वश जो राजनीतिज्ञ सोये हैं
इन्हीं कारणों से हमने सैनिक महान खोए हैं
मुंबई का दुःख सहना हमें स्वीकार नहीं
आतंकवादी भारत में आज ये पहली बार नहीं

(२)
बम-धमाके भारत में उजड़ा आज सहरा है
हजारों सैनिक शहीद रोए जाने क्या देश हमरा बहरा है
जनता की परवाह नहीं नेता, घर कड़ा पहरा है
इतने जन मरे "आतंकवाद" भारत चरित्र पर ये दाग गहरा है
दिल्ली क्यों सहे आतंकवाद दुःख सिलसिलेवार नहीं
आतंकवादी भारत में आज ये पहली बार नहीं

(३)
रेल जहाज, मार्किट-शार्केट, सेफ जगह आज न कोई
देखमय रोते लोग, देख जोश में मैंने कुछ बंदूकें बोईं
चलो जवानों बढ़े चलो आज, "आतंकवाद" को नष्ट कर देंगे
मजहब हमारी सीमा नहीं, चलो धरती को स्वर्ग कर देंगे
मुंबई शहीदों को नमन हमारा, देशसेवा से बढ़ा रोजगार नहीं
आतंकवादी भारत में आज ये पहली बार नहीं

(४)
जेहाद के नाम पर लोग क्यों आतंकी बनते हैं
पाकिस्तान की धरती पर क्या बहशी ही पलते हैं
आतंकियों का घर है, फ़िर क्यों साँप को दूध पिलाते हैं
"दीपक" देख "गुरुमान" देश सेवा में तिरंगा कैसे लहराते हैं
दुनिया को साथ देना होगा आतंकवाद नष्ट करने में
अमेरिका हमारा बाप नहीं जो आज्ञा लें कोई काम करने में
संसार का आतंक नष्ट करें, पाकिस्तान ऐसा साहकार नहीं
आतंकवादी भारत में आज ये पहली बार नहीं...


1 टिप्पणियाँ:

karmowala 30 जनवरी 2009 को 8:34 am बजे  

दीपक मोहदय की रचना बहुत से सवाल उठाती जिनके उत्तर पाने की कोशिस इस उल्टा तीर के मध्यम से हासिल करने का प्रयाश किया जा रहा है
आप अच्छा लिखते है और भी अच्छा लिखा सकते है
धन्यवाद

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